मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसके नाम में तो मधु है पर वास्तव में इसके विषतुल्य प्रभाव जीवन को अस्त व्यस्त कर देते हैं। यह एक रोग न होकर कई रोगों का जन्मदाता है, जो आपके जीवन की मधुरता को छीन लेता है।
मधुमेह क्या है?
मधुमेह हमारे रक्त में शर्करा (ग्लूकोज़) की अत्यधिक मात्रा है। यह शर्करा की मात्रा तब ज्यादा होती है जब हमारा अग्नाश्य (Pancreas) पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनाता या फिर हमारा शरीर इन्सुलिन को सही प्रकार से उपयोग नहीं कर पा रहा है। हम जो भी भोजन खाते हैं हमारा शरीर उसको ग्लूकोज़ में बदल देता है, अब इस ग्लूकोज़ को इन्सुलिन हार्मोन्स हमारे कोशिका (सेल) में पंहुचा देता है जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा (Energy) मिलती है यदि इन्सुलिन की मात्रा कम हो तो यह ग्लूकोज कोशिका तक न पहुंच कर रक्त में रह जाता है इसीको मधुमेह कहते है। रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा हमारे शरीर के कई अंगों पर हानिकारक प्रभाव डालती है इनमे से कुछ प्रमुख हैं:-
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- नेत्रों की ज्योति पर प्रभाव, आँखों में धुंधलापन आना।
- मधुमेह होने से किडनी की छोटी रक्त कोशिकाएं क्षति ग्रस्त हो जाती हैं जिससे किडनी की कार्यप्रणाली भी अव्यस्थित हो जाती है।
- हृदय से संबधितसमस्यायों का उत्पन्न होना। मधुमेह होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- जख्मो को भरने की गति धीमी करता है जिससे कभी कभी अंग को काटने की भी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।
मधुमेह के प्रकार
मुख्यतः मधुमेह दो प्रकार का होता है
टाइप 1
इस प्रकार में हमारा अग्नाश्य (Pancreas) इन्सुलिन हार्मोन बनाने में अक्षम होता है।
टाइप 2
इस प्रकार में अग्नाश्य (Pancreas) इन्सुलिन हार्मोन तो शरीर में बनाता है परन्तु उसका पूर्णतः उपयोग नहीं होता है।
मधुमेह के लक्षण
रोजमर्रा के जीवन में कुछ शारीरक लक्ष्णों पर ध्यान देना चाहिए जो मधुमेह होने का कारण हो सकते हैं :-
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- अत्यधिक भूख या प्यास का अनुभव होना।
- बार बार मूत्र त्याग की इच्छा होना।
- थकन या चिड़चिड़ापन महसूस होना।
- टांगों में अक्सर दर्द रहना।
- आँखों में धुंधलापन आना।
- हाथ पैरों में झनझनाहट या सुन्न लगना
- छोटे से घाव को भी भरने में अधिक समय लगना।
- वजन का बढ़ना या कम होना।
मधुमेह के कारण
आधुनिक जीवनशैली से संबधित कुछ कारण हैं जो मधुमेह होने में अपनी अहम् भूमिका निभाते हैं:-
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- स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही इसका प्रमुख कारण है।
- शारीरिक श्रम की कमी होना।
- नींद पूरी न होना।
- खान पान अनियमित एवं अनुचित होना, फ़ास्ट फ़ूड/वसायुक्त मसालेदार तथा मीठे खाद्य पदार्थों का अनावश्यक सेवन करना।
- अत्यधिक तनाव में रहना।
मधुमेह से बचाव
कहते हैं की दुश्मन कितना भी बड़ा क्यों न हो यदि हमारे पास दृढ इच्छाशक्ति है तो हम उसका मुक़ाबला कर सकते हैं यही सोच मधुमेह से बचाव में सहायक होगी, दृढ इच्छाशक्ति के साथ कुछ बातों का ध्यान रखकर हम मधुमेह पर नियंत्रण रख सकते हैं:-
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- पहला कदम तो यह उठाईये की अपनी जीवन शैली को नियमित कीजिए। समय पर खाना, सोना शुरू कीजिए। थोड़ा कठिन हैपर नामुमकिन नहीं। यक़ीन मानिये इसके परिणाम बेहतर होंगे।
- अपने जीवन के तनाव कम करने की कोशिश करें, नकारातमक सोच को सकारात्मक बनायें। योग करें, मैडिटेशन करें, जीवन की खूबसूरती को अनुभव करें।
- स्वस्थ खान पान अपनाएं, सुगमता और स्वाद न देखकर पहले अपना स्वास्थ्य देखें। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो फाइबर युक्त हैं, जिसमे शर्करा (ग्लूकोज़) की मात्रा कम हो, पूर्ण अनाज, हरी सब्जियां, सलाद, फल, अंकुरित दालें अपने भोजन में शामिल करें। थोड़ा थोड़ा करके दिन में ५ से ६ बार खाएं । धूम्रपान एवं शराब का सेवन न करें ।
- शारीरक श्रम करें, इससे आपके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन अधिक होगा तथा वजन भी नियंत्रित रहेगा। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
- पानी की मात्रा बढ़ाएं, पानी का नियमित एवं उचित सेवन मधुमेह के खतरे को बहुत कम कर सकता है । ज्यादा पानी पीने से हम ज्यादा मूत्र त्याग करते है, जिससे अतिरिक्त शर्करा (ग्लूकोज़) मूत्र द्वारा शरीर से बाहर निकल जाती है ।
- रक्त की नियमित जांच करवाएं, शर्करा (ग्लूकोज़) की मात्रा कम या ज्यादा होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें और उचित दवा लेते रहें ।
- पर्याप्त नींद लें, इससे हमारे शरीर और मस्तिष्क को विश्राम मिलता है, जिससे तनाव में कमी और शारीरक ऊर्जा में वृद्धि होती है ।
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करके अपने भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं । अध्ययन से पता चलता है, कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने से हाई शुगर नियंत्रित होता है, जिससे मधुमेह के दुष्परिणामों में कमी आती है ।
- उपरोक्त सभी उपायों के साथ कुछ घरेलु चीजें हैं जो मधुमेह को नियंत्रित रखने में सहायक हैं, जैसे करेले का जूस, जामुन,आंवला, एलोवेरा, सौंफ, दाल- चीनी, मेथी दाना ,सेब का सिरका आदि ।
अच्छे स्वास्थय में निवेश करें । वास्तव में स्वास्थय के प्रति हमारी लापरवाही ही मधुमेह का कारण बनती है मधुमेह से डरिये नहीं, इससे लड़िये और अपनी जीत सुनिश्चित कीजिये ।