भारतीय माता-पिता आमतौर पर उस दिन से सोचना और योजना बनाना शुरू करते हैं जब बच्चा पैदा होता है। और अगर वह बालिका है, तो स्थिति और अधिक गंभीर हो जाती है और वे कुछ लाभ पाने और कर बचाने के लिए भारत में कुछ बालिका योजनाओं की खोज शुरू कर देते हैं। माता-पिता अपने बच्चों के लिए सब कुछ कल्पना करने लग जाते हैं – स्कूली शिक्षा, उच्च अध्ययन, एक उज्ज्वल भविष्य और आगे एक अच्छा विवाहित जीवन। हमारी सरकार इसमें एक अहम भूमिका निभाती है। यह समय -समय पर बालिकाओं के लिए विभिन्न एवं आकर्षक सरकारी योजनाएँ चलाती है। ये बच्चों को उनकी किशोरावस्था के बाद लाभ देने के लिए बनाई जाति हैं। युवा पीढ़ी के बालिकाओं के बेहतर भविष्य के लिए इन उपयोगी सरकारी योजनाओं को जाने।
1. सी.बी.एस.इ. छात्रवृत्ति सरकारी योजना 2016
यह योजना भारत में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की एक योजना है। इस योजना का उद्देश्य स्कूल ट्यूशन शुल्क में कुछ छूट देना है। इस सरकारी योजना का एक अन्य उद्देश्य सिंगल गर्ल चाइल्ड को बढ़ावा देना भी है। यह केवल एक बालिका के लिए उपलब्ध है, जो एक सरकारी स्कूल की छात्रा होना चाहिए।
लाभ
इस योजना के तहत, लड़की को अपने स्कूल के शिक्षण शुल्क में प्रति माह 500 रुपये की छूट मिलती है।
पात्रता
- लड़की के अपने 10 वीं बोर्ड में 60 प्रतिशत या 6.2 सीजीपीए होना चाहिए।
- लड़की सरकारी स्कूल की छात्रा होनी चाहिए। (10 वीं बोर्ड तक)।
- वह अपने माता-पिता की एकलौती लड़की होनी चाहिए।
- उसकी स्कूल फीस 1500 रुपये महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आवेदन कैसे करें
इस सरकारी योजना के लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आप बस “ऑनलाइन आवेदन करें” पर क्लिक करें, और अपना विवरण जमा करें।
2. सुकन्या समृद्धि योजना
एकलौती बालिका संतान के लिए यह बहुत प्रसिद्ध केंद्र सरकार की योजना है। सरकार की यह योजना बालिकाओं के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान का एक हिस्सा है। भारत में इस बालिका योजना का उद्देश्य बालिकाओं को बचाना और उनको बेहतर शिक्षा प्रदान करना और उनके लिए अच्छे भविष्य को सुरक्षित करना है। यह सरकारी योजना बचत योजना की तरह काम करती है। यह उन माता-पिता के लिए एक शानदार योजना है, जो अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के जमापूंजी के लिए जल्दी शुरुआत करना चाहते हैं। इस योजना के तहत, निवेश करने के लिए कोई न्यूनतम राशि नहीं है। आप रु.100 से कम भी जमा कर सकते हैं। खाता खोलने की तारीख से बालिका संतान के 21 साल होने के बाद तक खाता सक्रिय रहता है।
लाभ
बालिकाओं के लिए सरकार की इस योजना का लाभ 9.1 प्रतिशत है। इसके अलावा, आपको कर लाभ भी मिलेगा। कर लाभ के लिए, आपको आयकर बचत प्रमाण जमा करते समय अन्य विवरणों के साथ प्रीमियम स्लिप जमा करनी होगी।
पात्रता
- लड़की की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए।
- खाते की शुरुआती राशि 1,000 रुपये होनी चाहिए।
- एक साल में अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कर सकते हैं।
- माता-पिता को 14 साल के लिए खाते में भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आपने खाता तब खोला जब आपकी बेटी 3 साल की थी, तो तब तक आपको इस खाते में निवेश करना होगा जब तक कि लड़की 17 (3+14) साल की नहीं हो जाती।
आवेदन कैसे करें
इस खाते को निकटतम डाकघर या बैंक में खुलवा सकते हैं। इस खाते को बाद की तारीख में एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित भी किया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना कैलक्यूलेटर
3. बालिका समृद्धि योजना
बालिका समृद्धि योजना सरकार द्वारा 15 अगस्त 1997 को शुरू की गई थी। 15 अगस्त 1997 को या उसके बाद जन्म लेने वाली सभी लड़कियां इस योजना के लिए पात्र हैं। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि बालिका समृद्धि योजना लड़कियों के उत्थान के लिए है। सरकार की यह बालिका योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है।
लाभ
भारत में इस बालिका योजना के तहत, बालिका को दो लाभ मिलते हैं। सबसे पहले, रुपये 500 का उपहार उसके जन्म के समय और दूसरी, उसके स्कूल के दिनों के दौरान जब भी वह हर साल अगली कक्षा में जाएगी (कक्षा 10 वीं तक), उसके खाते में एक निश्चित राशि जमा की जाएगी। बालिकाओं के लिए मुद्रा लाभ की सूची नीचे दी गई है:
कक्षा | छात्रवृत्ति पैसा |
पहली, दूसरी, तीसरी | प्रत्येक कक्षा के लिए रु. 300 / वर्ष |
चौथी | रु. 500 / वर्ष |
पाँचवी | रु. 600 / वर्ष |
छठी, सातवीं | प्रत्येक कक्षा के लिए रु. 700 / वर्ष |
आठवीं | रु. 800 / वर्ष |
नौवीं, दसवीं | प्रत्येक कक्षा के लिए रु. 1000 / वर्ष |
पात्रता
- लड़की का जन्म 15 अगस्त, 1997 को या उसके बाद होना चाहिए।
- उसके माता-पिता गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए।
- एक परिवार की केवल दो लड़कियां लाभ उठा सकती हैं।
आवेदन कैसे करें
पहले लाभ के लिए –
जैसा कि सरकार की यह योजना बालिका के जन्म के समय 500 रुपये का लाभ देती है। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने की जरूरत होती है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फॉर्म डाउनलोड करें
दूसरे लाभ के लिए –
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए – आवेदन पत्र निकटतम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से प्राप्त किए जा सकते हैं।
शहरी क्षेत्रों के लिए – आवेदन पत्र निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से उपलब्ध हैं।
4. मुख्मंत्री राजश्री योजना
भारत में यह बालिका योजना यह सुनिश्चित करने के लिए है कि लड़कियों को उनके जन्म के दिन से ही उचित चिकित्सा देखभाल और शिक्षा प्राप्त हो। इस सरकारी योजना के तहत, सरकार बालिकाओं के जीवन के विभिन्न चरणों में एक निश्चित राशि देती है। योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के बारे में सकारात्मकता फैलाना, लिंगानुपात में सुधार करना और उनकी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
लाभ
- सबसे पहले, सरकार जन्म देने के समय बालिका की मां को 500 रुपये देगी।
- जब बालिका अपने जन्म के एक वर्ष पूरा करती है, तो सरकार बालिका को दिए गए टीकाकरण के रिकॉर्ड की जांच करती है। अगर लड़की को समय पर सभी टीकाकरण मिल गया होता है, तो माँ को फिर से चेक के माध्यम से 2500 रुपये मिलते हैं।
- किसी भी पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश के समय सरकार बालिका को 4,000 रुपये प्रदान करती है।
- बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से, सरकार फिर से रु. 5000 देती है जब वह कक्षा 5 वीं पास कर के कक्षा 6 वीं में प्रवेश करती है।
- 11 वीं कक्षा और 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर बालिका को 11,000 रुपये प्रति कक्षा दिए जाते है।
- जब लड़की सफलतापूर्वक अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर लेती है, तो सरकार 12 वीं कक्षा पास करने के समय फिर से रु. 25,000 की वित्तीय सहायता देती है।
पात्रता
- बालिका का जन्म राजस्थान राज्य में होना चाहिए।
- लड़की का जन्म 1 जून 2016 को या उसके बाद होना चाहिए।
आवेदन कैसे करें
यदि आप मुख्मंत्री राजश्री योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आप नजदीकी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य अधिकारी, जिला परिषद, ग्राम पंचायत या शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
अपेक्षित दस्तावेज हैं – आधार कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के फोटो और बैंक खाते का विवरण।
नोट – मुख्यमंत्री राजश्री योजना केवल राजस्थान निवासियों के लिए उपलब्ध है।
5. मुख्मंत्री कन्या सुरक्षा योजना
बिहार सरकार गरीबी रेखा से नीचे की लड़कियों की मदद के लिए भारत में एक अनोखी बालिका योजना लेकर आई है। यह योजना बिहार सरकार और यूटीआई म्यूचुअल फंड के बीच एक गठबंधन है। इस सरकारी योजना का मुख्य आकर्षक बिंदु यह है कि लड़की या माता-पिता को उस राशि की प्राप्ति तब तक नहीं होगा जब तक कि लड़की 18 वर्ष की नहीं हो जाती। समेकित राशि बालिका को वयस्कता प्राप्त करने के बाद दी जाएगी। नीचे योजना का और विवरण दिया गया है:
लाभ
इस सरकारी योजना के तहत, सरकार यूटीआई म्यूचुअल फंड में लड़की के नाम पर 2000 रुपये जमा करेगी। यह राशि एक अच्छी ब्याज दर प्राप्त करेगी और परिपक्वता के समय लगभग रु.18,000 हो जाएगी। यह 18 वर्ष की आयु में लड़की को दिया जाएगा।
पात्रता
- लड़की का जन्म 22 नवंबर 2007 को या उसके बाद होना चाहिए।
- लड़की बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार से संबंधित होनी चाहिए।
- इस योजना का लाभ प्रति एक परिवार के केवल दो लड़कियों को मिल सकता है।
- लड़की के जन्म का पंजीकरण उसके जन्म के एक वर्ष के भीतर किया गुआ होना चाहिए।
- लड़की की आयु तीन वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आवेदन कैसे करें
भारत में इस बालिका योजना का लाभ उठाने के लिए, कोई भी जिले के निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र या बाल विकास परियोजना अधिकारी से मिला सकता है। यह योजना निकटतम DSW (समाज कल्याण निदेशालय) कार्यालय से भी लागू की जा सकती है।
नोट – मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना केवल बिहार के निवासियों के लिए उपलब्ध है।
6. मुख्मंत्री लाडली योजना
झारखंड सरकार ने लड़कियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए एक अच्छी योजना की पहल की है। इस योजना के तहत, लड़की को अपने जीवन में विभिन्न चरणों के दौरान न केवल अंतरिम भुगतान मिलेगा, बल्कि 21 साल की उम्र में रु. 1,00,000 की धन राशी भी मिलेगा।
लाभ
- झारखंड सरकार डाकघर के बचत खाते में बालिकाओं के नाम पर पांच साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष 6000 रुपये जमा करेगी।
- यह परिपक्वता के समय रु1,00,000 की अनुमानित राशि में बदल जाएगा। इसे लड़की द्वारा 21 वर्ष की आयु में निकाला जा सकता है। हालांकि, लड़की को तब तक अविवाहित होना चाहिए।
- उपरोक्त लाभ के अलावा, लड़की को रुपये की अंतरिम वित्तीय सहायता क्रमशः रु. 2000, रु. 4000, और रु. 7500 कक्षा 6 वीं, 9 वीं और 11 वीं में पढ़ते हुए भी मिलेगी।
- जब लड़की उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में प्रवेश करती है, तो झारखंड सरकार उसे रु. 200 / महीने देकर सहायता करती है।
पात्रता
- लड़की बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार से संबंधित होनी चाहिए।
- लड़की का जन्म 1 अप्रैल 2008 को या उसके बाद होना चाहिए।
- लाभान्वित परिवार में केवल दो बच्चे होने चाहिए।
- 21 वर्ष की आयु तक बालिका का विवाह नहीं होना चाहिए।
- जन्म के एक वर्ष के अन्दर बालिका का जन्म प्रमाण पत्र जनरेट किया गया होना चाहिए।
आवेदन कैसे करें
इस सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए, किसी भी निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
7. माजी कन्या भाग्यश्री योजना
महारास्ट्र सरकार ने अप्रैल 2016 में माजी कन्या भाग्यश्री योजना का उद्घाटन किया। इस योजना का मुख्य फोकस बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना और बालिकाओं को बढ़ावा देना है। योजना के लिए वार्षिक बजट 200 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। इस योजना के तहत, लाभान्वित बालिका को अपने जीवन के दौरान विभिन्न चरणों में पैसा मिलेगा। यह सरकारी योजना केवल महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों के लिए उपलब्ध है।
लाभ
- बालिकाओं के लिए इस सरकारी योजनाओं के नियमों के अनुसार, माँ को हर महीने 500 रुपये मिलेंगे। यह राशि माँ को तब तक दी जाएगी जब तक कि लड़की पाँच साल की नहीं हो जाती।
- बालिका को साथ ही साथ 3000 रुपये भी प्राप्त होंगे। यह राशि पहले पांच साल के लिए दिया जाएगा।
- जैसे ही लड़की 18 साल की हो जाएगी, उसे महाराष्ट्र सरकार से 1 लाख रुपये मिलेंगे।
पात्रता
- लड़की बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार से संबंधित होनी चाहिए।
- यह सरकारी योजना मुख्य रूप से एक बालिका के लिए ही उपलब्ध है। यदि दूसरी बेटी एक ही परिवार में जन्म लेती है, तो दोनों लड़कियों के बीच राशि वितरित की जाएगी। हालांकि, यदि कोई तीसरा बच्चा एक ही परिवार (बेटी और बेटे की परवाह किए बिना) में जन्म लेता है, तो योजना शून्य हो जाएगी और समाप्त हो जाएगी।
आवेदन कैसे करें
यदि आप माजी कन्या भाग्यश्री योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें। आपको बस फॉर्म को भरना है और इसे समाज कल्याण निदेशालय में जमा करना है।
मजी कन्या भाग्यश्री योजना का आवेदन पत्र
8. नंदादेवी कन्या योजना
नंदा देवी कन्या योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा एक अद्भुत पहल है। यह योजना महिला और बाल कल्याण विभाग की मदद से शुरू की गई है। बालिकाओं के लिए सरकार की यह योजना स्कूल के बाद उनकी पढ़ाई के समय लड़कियों की वित्तीय मदद पर केंद्रित है। योजना का मुख्य लाभ यह है कि बालिकाओं को वयस्कता के समय एक बड़ी सावधि जमा राशि प्राप्त होती है।
लाभ
- इस योजना के तहत, बालिका को अपने जीवन में दोहरे मौद्रिक लाभ प्राप्त होते हैं। सबसे पहले, कन्या के जन्म के समय रु. 5000 की राशि दी जाति है।
- साथ ही, बालिका के नाम पर रु.15000 की एक निश्चित राशि निर्धारित की जाति है और यह बालिका को तब दी जाति है जब वह 18 वर्ष की हो जाए या कक्षा 10 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ले। इसलिए, यह राशि लड़की को आगे की पढ़ाई के लिए मदद देती है।
पात्रता
- आवेदक उत्तराखंड का निवासी होना चाहिए।
- बालिका के परिवार की आय रु. 36000 / माह (ग्रामीण क्षेत्र के लिए) और रु. 42000 / माह (शहरी क्षेत्र के लिए) से कम होनी चाहिए।
- आवेदक गरीबी रेखा से नीचे का होना चाहिए।
- एक ही परिवार की केवल दो बालिकाएँ ही इसका लाभ उठा सकती हैं।
- आवेदक के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए:
आधार कार्ड, अधिवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाण पत्र, लड़की का जन्म प्रमाण पत्र, बीपीएल प्रमाणपत्र और मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड।
आवेदन कैसे करें
- आवेदन के लिए उत्तराखंड राज्य में निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
- आवेदक महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण विभाग से भी संपर्क कर सकता है।
हमने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं के लिए की योजनाओं पर चर्चा की है। बालिकाओं के जन्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं। बालिकाओं के लिए उपरोक्त सरकारी योजनाएं बालिकाओं के कल्याण के लिए हमारी सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं। यह सिर्फ एक छोटा कदम है और माता-पिता या परिवारों को सुनिश्चित करता है कि लड़कियां बोझ नहीं हैं बल्कि वे आपके लिए स्वयं समर्थन हैं। बालिकाओं के लिए सरकारी योजनाओं के अलावा, निजी बैंकों द्वारा शुरू की गई बहुत सारी विभिन्न योजनाएँ भी हैं। यदि यह आर्टिकल आपको कुछ ज्ञान देता है जिसे आप किसी जरूरतमंद के साथ साझा कर सकते हैं, तो कृपया इस लेख को उनके साथ साझा करें।