मानसिक स्वास्थ्य एक व्यक्तिगत और संवेदनशील विषय है। किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति अलग अलग परिस्थिति में भिन्न हो सकती है। चाहे वह घर हो, काम हो या सामाजिक स्थान, मानसिक स्वास्थ्य भी जीवन के विभिन्न कार्य स्थिति के लिए कार्य करता है जिसमें हम रहते हैं और समय बिताते हैं। कार्य क्षेत्र भी इसका एक हिस्सा है। लक्ष्यों को पूरा करने का तनाव, सहकर्मियों के साथ आपसी संबंध आदि कुछ ऐसे पहलू हैं जो किसी व्यक्ति के मानसिक कल्याण को प्रभावित करते हैं।
कार्यस्थल में, महिलाएं अक्सर अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को दूसरों की तुलना में अलग तरह से संभालती हैं। एक कामकाजी महिला पर पेशेवर जिम्मेदारियों, घरेलू कर्तव्यों और देखभाल करने वाले दायित्वों का बोझ बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप तनाव का स्तर बढ़ जाता है और परिस्थिति और ख़राब होने का खतरा बढ़ जाता है।
पेशेवर जिम्मेदारियों, घरेलू कर्तव्यों और देखभाल करने वाले दायित्वों का निरंतर दबाव के कारन तनावों का एक तूफान पैदा कर सकता है।
खराब मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?
- भावनात्मक रूप से, तनाव मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है, जिससे चिंता और अवसाद के लक्षण हो सकते हैं।
- मानसिक तनाव व्यावहारिक रूप से आपके शरीर के अधिकांश हिस्सों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
- शारीरिक रूप से, तनाव एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का कारण बन सकता है, जिससे महिलाएं बीमारियों और संक्रमणों के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकतीं है।
- यह पाचन संबंधी मुद्दों, सिरदर्द और पुराने दर्द को भी बढ़ा सकता है।
- मानसिक तनाव नींद के पैटर्न को भी बाधित कर सकता है, जिससे नींद की गड़बड़ी और थकान हो सकती है। जो आगे चलकर और भी अन्य शारीरिक समस्याओं का कारन बन सकती है।
- इसके अतिरिक्त, मानसिक तनाव की स्तिथि में लंबे समय तक रहने से हृदय संबंधी समस्याओं के विकास का खतरा बढ़ सकता है, जैसे कि उच्च रक्तचाप और हृदय रोग।
कार्यस्थल पर मानसिक तनाव को कम करने के तरीके
कामकाजी महिलाएं अपने मानसिक तनाव को कम करने के लिए अपने दैनिक जीवन में विभिन्न तरीकों को शामिल कर सकती हैं। देखभाल करने वाले, परिवार और महिलाएं खुद एक साथ बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के पोषण के लिए एक वातावरण बना सकतीं हैं।
- कार्यस्थल में महिलाओं द्वारा अनुभव किए गए तनाव को पहचानना और संबोधित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा करना उनके समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे उन्हें मानसिक क्षमता, लचीलापन और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकता है।
- प्रभावी समय प्रबंधन तकनीक, जैसे कार्यों को प्राथमिकता देना, एक लक्ष्य निर्धारित करना, नियंत्रण की भावना पैदा करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
- व्यायाम, ध्यान, माइंडफुलनेस, गहरी सांस लेना, अपने शौक पे ध्यान देना जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता देना तनाव को कम करने के लिए एक उत्तम तरीका हो सकता है।
- काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच स्पष्ट सीमाएं निर्धारित करना, कुछ स्थिति में लोगो को ना कहना सीखना, और वास्तविक अपेक्षाओं को स्थापित करना एक स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन में योगदान देता है।
- काम पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इसकी रक्षा को बढ़ावा दें।
- बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिये अपने सह-कर्मियों का समर्थन करें; और उचित परिवर्तन के लिए एक सक्षम वातावरण बनाएं।
- दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से मजबूत समर्थन के योग्य स्थिति का निर्माण भावनात्मक समर्थन और अपनेपन की भावना प्रदान करता है।
- अपने कार्य को स्वयं ही पूरा करें, किसी दुसरे सहकर्मी से सहायता ले सकते हैं पर सम्पपूर्रण रूप से किसी सहकर्मी पर निर्भर न रहें।
- काम से कुछ समय निकल कर अपनी पसंदीदा पुस्तक से 2-4 पेज पढ़ लेना, कुछ देर अपनी पसंदीदा गाने सुनना आपके मानसिक परिस्थिति को सकारात्मक दिशा दे सकता है।
- सही समय पर सही व्यक्ति से बातचीत कर अपने जरूरतों को, अपने मुद्दों को स्पस्ट करने से अपने अन्दर चल रहे संघर्षों से निजत पा सकते है।
- यदि मानसिक तनाव अत्यधिक हो जाए और कोई भी तरीका काम न करे तो ऐसे में एक मानसिक-स्वास्थ्य पेशेवर से समर्थन प्राप्त करने में संकोच न करें।
मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, डब्ल्यूएचओ भी निम्न बिन्दुओं का समर्थन करता है:
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रबंधक प्रशिक्षण, जो प्रबंधकों को भावनात्मक संकट का सामना करने और नौकरी के तनाव से उभरने में सहयोग दे।
- मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता और जागरूकता में श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य के ज्ञान में सुधार और काम पर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को बढ़ावा देना।
- व्यक्तियों के लिए तनाव का प्रबंधन करने और मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों को कम करने के लिए कौशल विकास, अवकाश, खेल-कूद आधारित शारीरिक गतिविधियां शामिल हो।
काम पर मानसिक स्वास्थ्य को एक अहम् पहलू के रूप में प्राथमिकता देना श्रमिकों और उनके प्रतिनिधियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनता है। सुरक्षित और स्वस्थ कामकाजी वातावरण एक मौलिक अधिकार है। यह आपको अपने काम का आनंद लेने और अपना काम अच्छी तरह से करने की क्षमता को बेहतर बनता है।