डीहाइड्रेशन के कारण, लक्षण और रोकथाम

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ध्यान रखें, शरीर में न होने दें पानी की कमी

डीहाइड्रेशन एक ऐसी समस्या है, जो हमारे शरीर में पानी की कमी से होती है। तपती धूप में बहार घूमना कई बार डीहाइड्रेशन की वजह बन सकता है। वैसे भी स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है की हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद हो। हमारे मौजूद कोशिकाओं को सही तरीके से काम करने के लिए आक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो उसे पानी से मिलती है।

क्या है यह समस्या

डीहाइड्रेशन की समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन इसके होने के कुछ कारण भी होते हैं, जैसे गर्म मौसम, उलटी या फिर जरूरत से ज्यादा पसीना आना। इन सभी कारणों की वजह से किसी को भी डीहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए इस मौसम में जरूरी है की कम से कम तीन लीटर पानी अवश्य पीयें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। यह समस्या अकसर एक गंभीर रोग को जन्म देती है, जिसकी रोकथाम करने के लिए हमें डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। अगर आप इसे गंभीरता से नहीं लेंगे तो इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है।

डीहाइड्रेशन के लक्षण

आपको डीहाइड्रेशन  के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि विभिन्न शोधो के अनुसार डीहाइड्रेशन का मूड और एनर्जी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस दौरान शरीर में थकान महसूस होने लगती है, मुंह शुष्क लगने लगता है, सिर दर्द, कम पेशाब होना, सूखी त्वचा, मांसपेशियों में ऐंठन, कब्ज और चक्कर आने जैसी समस्या होती है। गंभीर डीहाइड्रेशन  में अत्यधिक प्यास, लो ब्लड प्रेशर, तेज़ी से सांस आना और बेहोशी जैसी तकलीफें होती हैं।

लग सकती है लू

इस मौसम में आपको डीहाइड्रेशन के कारण लू भी लग सकती है। लू लगने का मुख्य कारण देर तक तेज़ धूप में घूमना है, वो भी बिना अपर्याप्त पानी पीये। ऐसी स्थिति में शरीर का पानी तेज़ी से सूखने लगता है। गर्म हवाओं के झोंके भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। लू लगने पर तेज़ बुखार हो सकता है, तेज़ सिर दर्द के साथ उल्टियाँ, शरीर में सुस्ती बेसुधी, हालत बिगड़ने पर बेहोशी भी आ सकती है। अगर ऐसा कुछ भी हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ।

छोटे बच्चों के लिए हो सकता है खतरनाक

डीहाइड्रेशन तीन से पाँच साल के बच्चों के लिए बेहद खतरनाक होता है। ज्यादातर माता-पिता इसे बहुत हलके तौर पर लेते हैं और यही वजह है की हालात काफी बिगड़ जाते हैं। गर्मी की छुट्टियाँ होने के कारण बच्चे धूप में खेलते हैं। ऐसे में उनके खाने और पीने का पर्याप्त ध्यान रखना जरूरी होता है। यह भी ध्यान रखना जरूरी हो जाता है की वह भरी दोपहरी में बहार न खेले। डॉक्टर बताते है की गर्मियों में पाँच साल के कम उम्र के बच्चों की होने वाली मृत्यु में 40% मृत्यु का कारण डीहाइड्रेशन होता है। इस उम्र के बच्चों वाले माता-पिता के लिए यह जानना आवश्यक है कि ये मौतें उलटी-दस्त के कारण नहीं, बल्कि डीहाइड्रेशन  के कारण होती है।

बचाव के कुछ उपाय

जब आपको असल में प्यास लगने लगती है, तब तक शरीर में डीहाइड्रेशन की स्थिति बनने लगती है। इसलिए बेहतर यह है की शरीर में डीहाइड्रेशन की स्थिति पैदा ही न हों दें। धूप में निकलने से पहले भरपूर पानी पीयें। अगर आपको लगता है की प्यास महसूस न हों पर शरीर को तरल पदार्थों की आवश्यकता नहीं होती तो आप गलत हैं, क्योंकि हर बार आपका शरीर तरल पदार्थों की जरूरत जाहिर नहीं करता। ऐसे में इस भीषण गर्मी में जब प्यास न भी लगी हो, तब भी कुछ समय के अन्तराल पर तरल पदार्थ जरूर लें।

खाने-पीने पर रखें विशेष ध्यान

बढती गर्मी, सूरज की तपिश लोगों को डीहाइड्रेशन का शिकार बना सकती है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है की अपने खाने पीने की आदतों पर विशेष ध्यान दें ताकि चिलचिलाती धूप में भी शरीर की इम्युनिटी बनी रहे। इस मौसम  में खान पान का ध्यान रखना भी जरूरी हो जाता है। इसके साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखने को लेकर भी ध्यान रखें, ताकि आप डीहाइड्रेशन का शिकार न हो जाएँ। गर्मियों में हमारे शरीर में पसीना अधिक निकलने के कारण एलेक्ट्रोलइट असंतुलित हो जाता है। इसलिए खाने से पहले फल और सब्जी की तासीर भी जानना जरूरी है। यदि इस बात का ध्यान नहीं रखा गया और गर्म तासीर वाले फलों या ज्यादा मसाले वाले खाने का सेवन  किया गया तो उससे शरीर में परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। लोगों को गर्मी में नाश्ते में दूध, सभी फ्रूट-शेक, जूस, फल, स्प्राउट्स, ओट्स और पोहा आदि लेना चाहिए। लंच में दालों को प्रमुखता में शामिल करें। इसके साथ आप इसमें मौसमी, हरी / पत्तेदार सब्जियां जैसे बीन्स, पालक आदि, दो या तीन चपाती और भरपूर सलाद लें। डिनर में भारी और ज्यादा खाना न खाएं। रात में खाने में रेशेदार सब्जी, दो चपाती और सलाद ले सकते हैं।

खाएं रसीले फल व सब्जियां

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अगर डीहाइड्रेशन की शुरुआत है तो आप रसीले फल जैसे की अंगूर, संतरा, पपीता, तरबूज, खरबूजा आदि का सेवन करें। डीहाइड्रेशन की शिकायत से हमारे शरीर में पोटैशियम की कमी आ जाति है तो उसके लिए केला बहुत फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि केले में पोटैशियम की भरपूर मात्र पाई जाति है। वैसे तरबूज एक ऐसा फल है जिसमें काफी ज्यादा पानी मौजूद होता है। यह आपके शरीर में पानी की कमी को दूर करने में मदद करता है।

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डीहाइड्रेशन के इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरीका यही है की आप रोज जितना हो सके, पानी पीयें।


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डीहाइड्रेशन की समस्या में आप ओआरएस का प्रयोग करें। इसमें कई तरह के खनिज तत्त्व पाए जाते हैं, जो आपके शरीर में डीहाइड्रेशन से होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।


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इससे छुटकारा पाने के लिए एक गिलास नारियल पीना भी फायदेमंद होता है।


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अगर आपको धूप में काम करना पड़ता है तो डीहाइड्रेशन की समस्या से बचने के लिए दिन में दो गिलास छाँछ जरूर पीएँ।


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निम्बू पानी पीने से शरीर में ताजगी का एहसास होता है। निम्बू पानी में आप चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करें तो और अधिक लाभ होगा।


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बच्चे घर से बहार जा रहे हैं तो उन्हें पानी की बोतल, जूस जरूर दें। बच्चों को धूप से बचाने के लिए कैप इत्यादि पहना कर रखें।


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कैरी का पना, नारियल पानी, मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूजे का इस्तेमाल बढ़ाएं।


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इस मौसम में तला भोजन खाने से परहेज करें। जंक फ़ूड एवं फ़ास्ट फ़ूड से परहेज करें, शराब का सेवन बिलकुल न करें।

 

गर्मियों में मिलने वाली सब्जियां सेहत के लिए वरदान की तरह होती हैं। ऐसी बहुत सी सब्जियां हैं जैसे लौकी, तोरी, टिंडा, सीताफल(कद्दू), टमाटर, खीरा, मूली, जिनमें काफी अधिक मात्र में पानी पाया जाता है। अगर आप इनका सेवन करें तो उससे आपके शरीर में डीहाइड्रेशन की आशंका काफी कम हो जाएगी। अगर आप गर्मियों में हीट स्ट्रोक या लू और बॉडी हीट से बचना चाहते हैं तो आपको इन सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिए।

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लौकी में लगभग 96% पानी होता है। लौकी गर्मियों के मौसम में आपके पेट के लिए काफी अच्छी रहती है और पेट में गैस बनने जैसी समस्या को दूर करती है।


गर्मियों में प्याज वरदान है। प्याज में विटामिन सी, विटामिन बी-6 और मैंगनीज की मात्रा भरपूर होती है। इस मौसम में कच्ची प्याज खाने से आपको लू नहीं लगेगी, इसलिए प्याज का भरपूर सेवन करें।


करेले में फॉस्फोरस पाया जाता है, जिससे कफ़ की शिकायत दूर होती है। करेले में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस और विटामिन पाया जाता है। करेला ठंडा होता है इसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद है।


हरी बीन्स ऐसी सब्जी है, जिसके सेवन से शरीर को जरूरी पोषक तत्त्व आसानी से मिल जाते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, सी, के और बी-6 पाया जाता है। इसमें कैल्शियम, सिलिकॉन, आयरन, मैंगनीज, बीटा कैरोटीन, प्रोटीन, पोटैशियम की भी जरूरी मात्रा होती है।


सीताफल यानी कद्दू खनिज तत्त्वों से भरपूर होता है। कच्चे सीताफल का रस एसिडिटी दूर करने और वज़न कम करने में भी बहुत फायदेमंद होता है। इस मौसम में जिन लोगों का पेट गड़बड़ा जाता है, उनके लिए यह बहुत अच्छा है।

 

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